मिल गया विक्रम लैंडर, संपर्क साधने में जुटे वैज्ञानिक । Vikram lander found tilted on moon surface.
7 सितंबर 2019 को जब सारी दुनिया सो रही थी तब एक देश जाग रहा था वह जाग रहा था अपने उस सपने को साकार होते हुए देखने के लिए जिसे वह पिछले करीब दस सालों से देख रहा था।
पर जब विक्रम लैंडर मून के सतह से तकरीबन दो दशमलव एक किलोमीटर ऊपर था तब उसका संपर्क टूट गया और तब से यह साफ नहीं है कि विक्रम लैंडर का क्या हुआ पर ISRO के वैज्ञानिक लगातार विक्रम लैंडर का पता लगाने और उससे संपर्क साधने की कोशीश में लगे हुए हैं और हाल ही में ISRO ने chandrayaan 2 Orbiter की मदद से विक्रम लैंडर की थर्मल इमेजेज लेने में सफलता हासिल की है जो कि अपने एक्चुअल लैंडिंग साइट से करीब 500 मीटर पर मौजूद है जिसके बाद से ही ISRO लगातार विक्रम लैंडर से संपर्क जोड़ने में लगा हुआ है
पर दोस्तो क्या कारण हो सकते हैं जिनकी वजह से विक्रम लैंडर अपने एक्चुअल लैंडिंग साइट से भटक गया और उसका सम्पर्क हम से टूट गया और कितनी संभावना है कि हम वापस विक्रम लैंडर से संपर्क स्थापित करलें, विक्रम लैंडर का landing Sequence उसमें मौजूद कम्प्यूटर में पहले से ही प्री प्रोग्राम था बस उसे पहले से ही तय दो लैंडिंग साइट में से किसी एक को चुन कर उस पर सॉफ्टलैंडिंग करनी थी अर्थात हम उसे बेंगलुरु में मौजूद कमांड सेंटर से रियल टाइम पर कंट्रोल नहीं कर रहे थे हम बस उसे चंद्रयान 2 Orbiter की मदद से रियल टाइम पर प्राप्त कर रहे थे जिससे यह साफ हो जाता है कि विक्रम लैंडर को आखिरी समय में सब खुद ही करना था पर कुछ तकनीकी खामियों के चलते आखिरी समय में हमारा सम्पर्क इससे टूट गया हम विक्रम लैंडर के रियल टाइम ग्राफ को देखकर यह पता लगा सकते हैं कि विक्रम लैंडर आखिरी समय में लैंड होने से पहले अपना रास्ता भटक गया जिसकी वजह से यह अपने एक्चुअल लैंडिंग साइट से करीब पांच सौ मीटर दूर मौजूद था
वैज्ञानिक का मानना है कि इसके पीछे मुख्य रूप से दो या तीन कारण मौजूद हो सकते हैं जिनके बारे में हम आगे चर्चा करेंगे
पहला कारण: वैज्ञानिक का मानना है कि हो सकता है कि विक्रम लैंडर के किसी इंजन में आखिरी समय में काम करना बंद कर दिया हो जिस वजह से विक्रम लैंडर लैंडिंग के समय अपनी गति को कम करने और संतुलन करने में असफल रहा हो ऐसे में हो सकता है कि इसने मून के सतह पर क्रैश लैंडिंग की हो और उसका एंटीना टूट गया हो जिसकी वजह से वह हमसे संपर्क नहीं कर पा रहा है,
दूसरा कारण: वहीं कुछ देज्ञानिको का मानना है कि हो सकता है विक्रम लैंडर के इंजन में जरूरत से ज्यादा Threast पैदा कर दिया हो जिसकी वजह से इसेने अपना बैलेंस खो दिया हो और वह मून के सतह पर crash हो गया हो दोस्त चांद और पृथ्वी का ग्रेविटेशनल फोर्स बिल्कुल अलग है ऐसे में विक्रम लैंडर को मून पर सॉफ्टलैंडिंग करने के लिए बेहद ही कम thrust या एनर्जी की जरूरत होती है ऐसे में ग़लत कैलकुलेशन के चलते विक्रम लैंडर ने जरूरत से ज्यादा thrust पैदा कर दिया हो और उसका बैलेंस बिगड़ गया हो,
तीसरा कारण: कुछ वेज्ञानिको का मानना है की हो सकता है विक्रम लैंडर में मौजूद कंप्यूटर के malfunctioning करने के कारण इसका संपर्क हमसे टूट गया हो और वह आधे समय में अपना रास्ता भटक गया हो ऐसे में उसने moon पे क्रैश लैंडिंग की होगी या सायद वे उल्टा पलट गया हो जिसके वजह से हम उससे सम्पर्क नही कर पा रहे है।
विक्रम लैंडर से संपर्क स्थापित करने के लिए हमारे पास केवल 11 दिनों का समय है,
क्योंकि इसके बाद आने वाले lunar night के जमा देने वाले ठण्ड में विक्रम लैंडर का बच पाना काफी मुश्किल है
ऐसे में हमे ओर पूरे भारत देश को उम्मीद है की ISRO जल्द से जल्द विक्रम लैंडर से संपर्क स्थापित करले।
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